2 हजार का नोट बंद होने पर शुरू हुई राजनीती, BJP ने विपक्ष के सवालों का दिया जवाब
30 सितंबर तक 2000 रुपये का यह नोट वैध माना जाएगा। 2000 रुपये के नोट के बंद होने की घोषणा के बाद एक बार फिर राजनीति तेज हो गई है। क्योंकि विपक्षी दलों द्वारा केंद्र सरकार पर फिर से निशाना साधा जा रहा है और 2016 में नोटबंदी की याद दिलाया जा रहा है।
(एन एल एन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ): आरबीआई द्वारा 2000 रुपये के नोट का सर्कुलेशन बंद किए जाने को लेकर मध्यप्रदेश की राजनीति सुलगने लगी है। कांग्रेस विधायक पीसी शर्मा और नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंदसिंह ने इसे लेकर भाजपा पर आरोप लगाए हैं। विधायक पीसी शर्मा ने आरोप लगाया है कि भाजपा ने कर्नाटक में दो हजार रुपये के नोट बांटे थे, लेकिन जब वोट नहीं मिले तो लोगों को सबक सिखाने के लिए इन नोटों का सर्कुलेशन बंद कर दिया गया है। भारतीय रिजर्व बैंक ने 19 मई की शाम को घोषणा की कि 2000 रुपये के नोट को सर्कुलेशन से बंद किया जाएगा। हालांकि 2000 रुपये के नोट को बदलवाने के लिए 30 सितंबर तक का समय दिया गया है। 30 सितंबर तक 2000 रुपये का यह नोट वैध माना जाएगा। 2000 रुपये के नोट के बंद होने की घोषणा के बाद एक बार फिर राजनीति तेज हो गई है। क्योंकि विपक्षी दलों द्वारा केंद्र सरकार पर फिर से निशाना साधा जा रहा है और 2016 में नोटबंदी की याद दिलाया जा रहा है।
इस बाबत कांग्रेस का कहना है कि जब नोटबंद ही करना था तो लेकर आए ही क्यों थे। विपक्षी दलों द्वारा पीएम नरेंद्र मोदी सरकार पर लगातार निशाना साधा जा रहा है। वहीं भाजपा नेताओं द्वारा आरबीआई और सरकार के इस फैसले को सही बताते हुए इसका फायदा गिनाया जा रहा है। भाजपा नेताओं द्वारा इसे काले धन के खिलाफ एक्शन बताया जा रहा है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि अगर दो हजार रुपये के नोट को बंद ही करना है ता तो इसे क्यों लाए।
अशोक गहलोत ने कहा किअगर दो हजार का नोट पहले से चलन में नहीं ता तो इसपर भी आपको जवाब देना चाहिए। अशोक गहलोत कहा कि पहले भी ऐसी गलती कर चुके हैं और फिर से गलती कर दी। इस बाबत भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ने नोटबंदी के फैसले को सही बताते हुए कहा कि यह काले धन पर दूसरी सर्जिकल स्ट्राइक है। वहीं उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि परेशान होने की जरूरत नहीं है। इस तरह के निर्णय राष्ट्रहित में होते हैं।
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