राष्ट्रपति ने 27 प्रवासियों को किया सम्मानित, राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा 25 वर्षों में भारत फिर होगा विश्वगुरु
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इंदौर में 17वें प्रवासी भारतीय दिवस समारोह में 27 प्रवासियों को राष्ट्रपति ने दिया प्रवासी भारतीय सम्मान। 2021 में प्रवासी भारतीय सम्मान पाने वाले सूरीनाम के राष्ट्रपति चंद्रिका प्रसाद संतोखी भी समारोह में शामिल हुए।
(एन एल एन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ): अगले 25 वर्ष यानी आजादी के शताब्दी वर्ष तक देश यह लक्ष्य हासिल कर लेगा। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने मंगलवार शाम 17वें प्रवासी भारतीय दिवस समारोह के समापन अवसर पर यह बात कही। उन्होंने प्रवासी भारतीयों से देश की प्रगति में योगदान देने की अपील करते हुए निवेश का आमंत्रण भी दिया। राष्ट्रपति मुर्मु ने स्वर्ण पदक और सम्मान-पत्र प्रदान कर वर्ष-2022 के प्रवासी भारतीय सम्मान से 27 प्रवासियों को सम्मानित किया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि लंबे अरसे के बाद प्रत्यक्ष रूप से प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन का आयोजन हुआ। यहां भाग लेकर मैं बेहद खुश हूं। दुनियाभर से आई हस्तियों का आभार, जो उन्होंने प्रवासी भारतीयों के लिए आयोजित सम्मेलन में भाग लिया। मुझे उम्मीद है कि जिन्हें भी सम्मान मिला है, यह उन्हें भविष्य में और बेहतर करने के लिए प्रेरित करेगा। यह एक यूनिक प्लेटफॉर्म है, जो भारत और प्रवासी समुदाय को जोड़ता है। देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। अमृत काल में भारत की प्रगति में प्रवासी भारतीयों की अहम भूमिका है। महात्मा गांधी नौ जनवरी को भारत लौटे थे और इसी की याद में प्रवासी भारतीय दिवस मनाया जाता है।
राष्ट्रपति ने कहा कि प्रवासी भारतियों को दिया जाना वाला यह सर्वोच्च सम्मान है। प्रवासी भारतीयों की अद्वितीय उर्जा और उपलब्धियों से भारत गौरवान्वित है। राष्ट्रपति ने आयोजन के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि दो दशक से यह मंच भारत सरकार, प्रवासी और यहां के नागरिकों को आपस में जोड़ने का काम कर रहा है। उन्होंने मौजूदा वैश्विक परिदृश्य को राजनैतिक और आर्थिक रूप से चुनौतियों से भरा समय करार देते हुए कहा कि ऐसे समय भी भारत अपने हितों की रक्षा करते हुए दुनिया के सामने आत्मविश्वास के साथ खड़ा है। तमाम देशों के साथ बेहतर संबंधों को भी बनाए हुए है।
हमारे प्रवासी अद्वितीय हैं विदेश मंत्री एस.जयशंकर
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि हमारे प्रवासी अद्वितीय हैं। परिश्रम और निष्ठा के दम पर उन्होंने दुनियाभर में उपलब्धियां हासिल कीं और देश की साख भी दुनिया में बढ़ाई है। आज दिए जा रहे प्रवासी भारतीय सम्मान इस बात का प्रति¨बब हैं। विदेश मंत्री ने कहा कि दुनियाभर में भारतीय मेधा, कौशल की मांग बनी हुई है। विभिन्न देशों में प्रवासियों के काम और आवागमन को सुगम बनाने के लिए नरेन्द्र मोदी सरकार लगातार प्रयास कर रही है। भारतीय प्रवासी दिवस अतीत के बलिदान का स्मरण करते हुए भविष्य के सपनों को साकार करने के संकल्प के साथ आगे बढ़ने का अवसर है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि तीन दिन तक आपका साथ रहा। इंदौर आपसे एक रूप हो गया। इंदौर ने तैयारी वैसी की, जैसी बेटी की शादी के लिए करते हैं। बेटी की शादी जैसा इंदौर का स्वागत-सत्कार। जब बेटी की बिदाई होती है तो मन में तकलीफ भी होती है। मैं ‘पधारो म्हारे घर’ कार्यक्रम में गया था। वहां ऐसा लगा जैसे दो परिवार नहीं मिले हों बल्कि दो देश जुड़ गए हों। तीन दिन आनंद, उत्सव और उमंग के थे। तीन दिन कैसे कट गए, पता ही नहीं चला। अब मन सोचकर भारी हो रहा है कि आप चले जाओगे। यहीं रह जाओ न। जो बात इस जगह है, वह कही भी नहीं।