(न्यूज़लाइवनाउ-India) तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा के उत्तराधिकारी को लेकर केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू की टिप्पणी पर भारत सरकार ने सफाई दी है। विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि भारत सरकार धर्म और आस्था से जुड़े मामलों में कोई आधिकारिक रुख नहीं अपनाती है।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि सरकार ने मीडिया में दलाई लामा के बयान को देखा है, लेकिन भारत आस्था से जुड़े मुद्दों पर कोई टिप्पणी नहीं करता है और न ही किसी पक्ष में खड़ा होता है। सरकार ने मंत्री रिजिजू की ओर से दिए गए बयान से खुद को अलग कर लिया है। मंत्रालय ने कहा, “भारत में धार्मिक स्वतंत्रता हमेशा कायम रही है और आगे भी बरकरार रहेगी।”
अपने उत्तराधिकारी की घोषणा करेंगे दलाई लामा
दलाई लामा ने हाल ही में अपने बयान में कहा कि उनके पुनर्जन्म से जुड़े निर्णय का अधिकार केवल गदेन फोडरंग ट्रस्ट के पास होगा। उन्होंने दोहराया कि इस मामले में किसी अन्य संस्था या सरकार को हस्तक्षेप का कोई अधिकार नहीं है। यह बयान उनके 90वें जन्मदिन से पहले आया है।
केंद्रीय मंत्री रिजिजू ने शुक्रवार को कहा कि दुनियाभर में दलाई लामा के अनुयायी यही चाहते हैं कि उनके उत्तराधिकारी का निर्णय वही स्वयं करें। हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कि यह बयान उनकी व्यक्तिगत राय है और इसका भारत सरकार से कोई संबंध नहीं है। साथ ही उन्होंने चीन की प्रतिक्रिया पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
रिजिजू ने पत्रकारों से कहा, “इस विषय पर किसी को कोई भ्रम नहीं होना चाहिए। जो लोग दलाई लामा को मानते हैं, वे चाहते हैं कि वे ही अपने उत्तराधिकारी को लेकर फैसला लें। सरकार की इसमें कोई भूमिका नहीं है। मैं एक श्रद्धालु के रूप में बोल रहा हूं, मुझे उन पर पूरा विश्वास है।” उन्होंने कहा कि यह धार्मिक विषय है और इसका समाधान दलाई लामा की इच्छानुसार ही होना चाहिए।
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