विपक्षी गठबंधन का नाम UPA नहीं PDA होगा, अखिलेश के सुझाए नाम पर भी हुआ विचार, नीतीश को मिलेगी अहम जिम्मेदारी

लोकसभा चुनाव 2024 के लिए विपक्षी गठबंधन की कोशिशें जोरों से चल रही हैं। शुक्रवार को विपक्ष के 15 दल एक साथ आये और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आवास पर बैठक की। इस बैठक में तमाम विषयों पर चर्चा की गई। 23 जून को पटना बैठक में विपक्षी दलों ने एक होकर भाजपा की अगुवाई वाली केंद्र सरकार को चुनौती देने पर अंतिम सहमति बना ली गई है।

(एन एल एन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ): लोकसभा चुनाव 2024 के लिए विपक्षी गठबंधन की कोशिशें जोरों से चल रही हैं। शुक्रवार को विपक्ष के 15 दल एक साथ आये और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आवास पर बैठक की। इस बैठक में तमाम विषयों पर चर्चा की गई। 23 जून को पटना बैठक में विपक्षी दलों ने एक होकर भाजपा की अगुवाई वाली केंद्र सरकार को चुनौती देने पर अंतिम सहमति बना ली गई है। 12 जून को शिमला बैठक में इस पर विस्तृत चर्चा के बाद गठबंधन के नाम और इसके राष्ट्रीय कन्वेनर के नाम पर सहमति बन सकती है। लेकिन शिमाला बैठक के पहले ही गठबंधन के नए नाम और इसके राष्ट्रीय कन्वेनर के नाम की चर्चा तेज हो गई है। पटना बैठक में ही गठबंधन के एक महत्त्वपूर्ण सहयोगी ने गठबधन के नाम और उसके सहयोगी को लेकर एक संकेत दे दिया था। यदि किसी विपक्षी दल को इस पर आपत्ति न हुई तो शिमला बैठक के बाद इसकी औपचारिक तौर पर घोषणा की जा सकती है।

CPI की तरफ से जारी प्रेस रिलीज में बताया गया है कि गठबंधन के नाम पर शिमला में होने वाली बैठक में मुहर लगेगी। इस प्रेस रिलीज में CPI नेता डी राजा के हवाले से नए गठबंधन का नाम PDA बताया गया है। बता दें कि इससे पहले समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने भी PDA नाम के जरिये पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक का गठजोड़ बताया था। इसके बाद सीपीआई की प्रेस रिलीज में भी इस नाम का जिक्र बता रहा है कि इस बार विपक्षी दलों के गठबंधन का नाम UPA से बदलकर PDA किया जाएगा।

बता दें की लोकसभा चुनाव 2024 के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तमाम विपक्षी दलों के नेताओं को पटना की इस बैठक में आने का न्योता दिया था, जिसके बाद शुक्रवार को यह बैठक हुई। अब अगली बैठक कुछ दिनों बाद हिमाचल प्रदेश के शिमला में होगी। शुक्रवार को हुई इस बैठक में 15 दलों के नेताओं ने हिस्सा लिया था। इस बैठक के बाद विपक्ष के तमाम नेताओं ने सयुंक्त रूप से मीडिया से भी बात की थी लेकिन गौर करने वाली बात यह रही कि इस प्रेस कांफ्रेंस से आम आदमी पार्टी के नेता गायब रहे थे।

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