ट्रस्ट ने दी सफाई हलाल मामले पर, कहा- कानून के हिसाब से दे रहे सर्टिफिकेट

(न्यूज़लाइवनाउ-UP) उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के हजरतगंज थाने में फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल कर हलाल सर्टिफाइड फूड प्रोडक्ट बेचने के संबंध में एफआईआर दर्ज की गई थी. जिसके बाद फिलहाल उत्तर प्रदेश में हलाल सर्टिफिकेट (Halal Ceritfied) खाद्य प्रोडक्ट पर तत्काल प्रभाव से रोक लग गई है. हलाल सर्टिफाइड फूड प्रोडक्ट पर कड़ाई बरतते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ सरकार ने बैन लगा दिया है.

उत्तर प्रदेश में हलाल सर्टिफाइड प्रोडक्ट की बिक्री पर रोक लगा दी गई है. वहीं जमीयत उलमा-ए-हिंद हलाल ट्रस्ट की ओर से अपना पक्ष रखते हुए उनकी प्रमाणन प्रक्रिया को सही बताया गया है.

फिलहाल अब इसे लेकर जमीयत उलमा-ए-हिंद हलाल ट्रस्ट की ओर से प्रतिक्रिया आई है. जिसमें जमीयत उलमा-ए-हिंद हलाल ट्रस्ट की ओर से बताया गया है कि विश्व में हलाल प्रमाणित उत्पादों की मांग बहुत ज्यादा है. ऐसे में भारतीय कंपनियों के लिए ऐसा प्रमाणन प्राप्त करना अनिवार्य है. इसके साथ ही उनकी ओर से की गई प्रमाणन प्रक्रिया भारत में निर्यात उद्देश्यों और घरेलू वितरण दोनों के लिए निर्माताओं की आवश्यकताओं के अनुरूप है.

भारत को होगा फायदा

जमीयत उलमा-ए-हिंद हलाल ट्रस्ट के अनुसार वह किसी भी प्रोडक्ट को हलाल सर्टिफाइड करने से पहले वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय की अधिसूचना में जारी सभी सरकारी नियमों का पालन करते हैं. हलाल ट्रस्ट का यह भी कहना है कि सभी हलाल प्रमाणन निकायों को एनएबीसीबी (भारतीय गुणवत्ता परिषद के तहत प्रमाणन निकायों के लिए राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड) द्वारा पंजीकृत होना आवश्यक है.

हलाल ट्रस्ट का कहना है कि हलाल व्यापार 3.5 ट्रिलियन डॉलर का महत्वपूर्ण उद्योग है, जिससे भारत को इसके प्रचार से निर्यात और पर्यटन में लाभ होता है. जमीयत उलमा-ए-हिंद हलाल ट्रस्ट ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को खारिज कर आवश्यक कानूनी कदम उठाए जाने की बात कही है. ट्रस्ट का कहना है कि हलाल प्रमाणन से जुड़ी गलतफहमियों को दूर करना महत्वपूर्ण है.

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वहीं ट्रस्ट का कहना है कि हलाल सर्टिफिकेट ग्राहक और निर्माताओं की पसंद का मामला है जो प्रमाणन प्राधिकारियों द्वारा प्राप्त प्रमाण-पत्रों के आधार पर अपनी संतुष्टि के लिए कुछ प्रमाणन को प्राथमिकता देते हैं. जिससे बड़ी संख्या में उपभोक्ताओं को उन उत्पादों का उपयोग करने से बचाता है जो वे कई कारणों से नहीं चाहते हैं. जो लोग ऐसे उत्पादों का उपयोग नहीं करना चाहते, वे इनका उपयोग न करने के लिए स्वतंत्र हैं. ट्रस्ट के अनुसार हलाल प्रमाणीकरण हमारे देश को लाभ पहुंचाने वाली एक महत्वपूर्ण इकोनॉमिक एक्टिविटी है.

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