USA: पीएम मोदी से मुलाकात पर ट्रंप की पहली प्रतिक्रिया, बोले- ‘मैं पाकिस्तान को पसंद करता हूं”

(न्यूज़लाइवनाउ-USA) अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए उन्हें एक प्रभावशाली नेता बताया, लेकिन एक बार फिर उन्होंने संघर्षविराम पर अपनी पुरानी बात दोहराई है।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए उन्हें एक प्रभावशाली नेता बताया, लेकिन एक बार फिर उन्होंने संघर्षविराम पर अपनी पुरानी बात दोहराई है।अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्षविराम को लेकर फिर से खुद की भूमिका को प्रमुख बताया है। उन्होंने कहा कि उन्होंने ही भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को समाप्त कराया था। ट्रंप ने दावा किया, “मैंने ही दोनों देशों के बीच युद्ध को रोका।”

डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, “आई लव पाकिस्तान। मैंने एक दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की थी। वह एक बेहतरीन नेता हैं। अब हम उनके साथ व्यापार समझौते पर आगे बढ़ सकते हैं।”

गौरतलब है कि ट्रंप पहले भी कई बार भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्षविराम का श्रेय खुद को दे चुके हैं, लेकिन भारत सरकार हर बार उनके इन बयानों को खारिज करती आई है।

सीजफायर पर पीएम मोदी की कड़ी प्रतिक्रिया

जी-7 शिखर सम्मेलन के सिलसिले में कनाडा दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति से फोन पर चर्चा की। इस दौरान ट्रंप द्वारा की गई मध्यस्थता की बात को उन्होंने साफ तौर पर नकार दिया। पीएम मोदी ने स्पष्ट कहा कि भारत और पाकिस्तान ने आपसी सैन्य वार्ता के जरिए ही संघर्षविराम पर सहमति बनाई थी, इसमें किसी तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं थी।

पीएम मोदी ने यह भी दोहराया कि भारत किसी भी बाहरी मध्यस्थता को न पहले मानता था, न अब मानता है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के आग्रह पर सीमावर्ती क्षेत्रों में सैन्य कार्रवाई रोकने को लेकर बातचीत शुरू हुई थी।

पुरानी कहानी फिर दोहराई ट्रंप ने

डोनाल्ड ट्रंप ने 10 मई 2025 को भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्षविराम की घोषणा का दावा किया था। तब से वह यह कहते आ रहे हैं कि उनके हस्तक्षेप और दोनों देशों पर व्यापारिक दबाव की चेतावनी के चलते ही यह समझौता संभव हो पाया।

मोदी और ट्रंप की जी-7 सम्मेलन के दौरान आमने-सामने मुलाकात तय थी, लेकिन ट्रंप के सम्मेलन से समय से पहले रवाना हो जाने के कारण बैठक नहीं हो सकी। इसके चलते दोनों नेताओं के बीच फोन पर बातचीत हुई, जिसमें 7 से 10 मई के बीच हुए भारत-पाकिस्तान सैन्य तनाव पर मुख्य रूप से चर्चा की गई।

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