Uttarakhand के टनल में 40 जिंदगियां मौत से झुंझ रही है, 40 मजदूर फंसे हुए हैं

(न्यूज़लाइवनाउ-Uttarakhand) उत्तराखंड में यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर निर्माणाधीन सिलक्यारा-बड़कोट सुरंग के एक हिस्से के ढहने से उसके अंदर फंसे 40 श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए बचाव अभियान चल रहा है. मजूदरों को पाइप के जरिए खाना-पानी भेजा गया है.

उत्तराखंड के उत्तरकाशी में टनल में फंसे 40 मजूदरों कों बाहर निकालने के लिए युद्ध स्तर पर रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है.अधिकारियों ने कहा है कि श्रमिकों को बाहर निकालने में संभवत: एक-दो दिन और लग सकते हैं. सरकार ने दुर्घटना की जांच के लिए छह सदस्यीय विशेषज्ञ समिति का गठन किया है. वहीं, प्रधानमंत्री मोदी भी टनल में फंसे मजदूरों की जानकारी ले रहे हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन पर वार्ता की और पूरी घटना पर जानकारी ली है. केंद्र की तरफ से हर संभव मदद के लिए भी कहा है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पीएम को बताया कि उन्होंने स्वयं मौके पर जाकर स्थलीय निरीक्षण किया है और बचाव कार्यों पर लगातार नजर रख रहे हैं. बचाव कार्य के लिए बड़े व्यास के ह्यूम पाइप हरिद्वार और देहरादून से भेजे जाने की व्यवस्था कर दी गई है. मुख्यमंत्री ने कहा कि सुरंग के अंदर फंसे सभी मजदूर सुरक्षित हैं और उन्हें जल्द बाहर निकलने की पूरी कोशिश की जा रही है.

40 मीटर से ज्यादा सुरंग से मलबा निकाला जा चुका है

अब तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बारे में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से दो बार स्थिति की जानकारी ले चुके हैं. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और रेल मंत्री भी सीएम धामी से इस विषय में बात कर चुके हैं. केंद्रीय एजेंसियां और एक्सपर्ट मौके पर मौजूद हैं. लगातार मजदूरों को बचाने की कोशिश की जा रही है. इसके लिए तमाम एजेंसियां लगी हुई हैं. अब तक 40 मीटर से ज्यादा सुरंग से मलबा निकाला जा चुका है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी हर घंटे रेस्क्यू ऑपरेशन की जानकारी ले रहे हैं.

रविवार सुबह घटना के तत्काल बाद से ही फंसे श्रमिकों को ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है जबकि रविवार मध्यरात्रि के बाद मजदूरों से संपर्क स्थापित होने पर उन्हें पेयजल और खाने के पैकेट भी पाइपलाइन के माध्यम से कंप्रेसर की मदद से दवाब बनाकर भेजे जा रहे हैं.

उत्तरकाशी में सुरंग के लिए कार्यदायी संस्था एन एच. आई.डी. सी. एल. द्वारा उपलब्ध करायी गयी सूचना के अनुसार फंसे हुये व्यक्तियों में से 02 उत्तराखंड के, 01 हिमाचल का, 04 बिहार के, 03 पश्चिम बंगाल के, 08 उत्तर प्रदेश के, 05 उड़ीसा के, 15 झारखंड के और 02 असम के हैं. सिलक्यारा सुरंग में फंसे मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए बचाव एवं राहत कार्य युद्ध स्तर पर जारी हैं. पुलिस ने टनल के अन्दर फंसे श्रमिकों से पाइप के माध्यम से उनके परिजनों से बातचीत भी करवाई है. अंदर फंसे कोटद्वार निवासी गंभीर सिंह नेगी के बेट ने उनसे सम्पर्क कर कुशलक्षेम जानी. साथ ही उनको बाहर से शासन- प्रशासन द्वारा तेजी से किये जा रहे रेस्क्यू कार्यों की जानकारी दी.

पाइप पुशिंग शुरू होने वाली है

उत्तरकाशी के डीएम अभिषेक रोहिल्ला ने कहा कि बचाव अभियान जारी है. पाइप की मदद से सुरक्षा मार्ग या छोटी सुरंग बनाने का प्रयास किया जा रहा है. साइट पर सामग्री उपलब्ध करा दी गई है. उनके लिए प्लेटफॉर्म भी बनाया जा रहा है. उसके बाद एस्केप टनल का निर्माण भी शुरू किया जाएगा. बताया जा रहा है कि सभी सुरक्षित हैं. उनके लिए भोजन और पानी की व्यवस्था की गई है. एनएचआईडीसीएल के अधिकारियों का कहना है कि वे उनसे लगातार संवाद स्थापित करने में सक्षम हैं.

सीडीओ गौरव कुमार ने कहा कि मैं अभी टनल के अंदर गया था. हमारे कर्मियों से लगातार संवाद किया जा रहा है. आज सुबह 10 बजे उनसे संवाद स्थापित किया गया. वे सभी सुरक्षित और स्वस्थ हैं. खाने-पीने के सामान और पीने के पानी की व्यवस्था की जा रही है. सीएमओ ने कुछ दवाओं की भी व्यवस्था की है. उन्हें भेजा जा रहा है. जहां तक बचाव का सवाल है, पाइप पुशिंग शुरू होने वाली है. उसके लिए प्लेटफॉर्म तैयार है. हम अपने शेड्यूल के मुताबिक प्रगति कर रहे हैं. उम्मीद है कि प्रक्रिया शुरू हो जाएगी जल्द ही.

अधिकारियों ने बताया कि देहरादून से ऑगर ड्रिलिंग मशीन मंगाई है , जिसके जरिये 900 मिमी का स्टील पाइप डाला जाएगा. इसके जरिए मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने की कोशिश की जाएगी. झारखंड सरकार के अधिकारियों का तीन सदस्यीय दल फंसे श्रमिकों को बचाने में मदद करने के लिए उत्तराखंड रवाना हो गया है. झारखंड के 10 लोगों सहित लगभग 40 श्रमिकों के सुरंग में फंसे होने की आशंका है. झारखंड के श्रमिकों के बचाव अभियान में मदद करने और तत्काल राहत मुहैया कराने के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर जेएपी-आईटी (झारखंड सूचना प्रौद्योगिकी संवर्धन एजेंसी) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी भुवनेश प्रताप सिंह और संयुक्त श्रम आयुक्त राजेश प्रसाद एवं रॉबर्ट लाकड़ा सहित तीन सरकारी अधिकारी सोमवार को उत्तराखंड रवाना हुए.

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उत्तरकाशी-यमनोत्री मार्ग पर स्थित सिल्क्यारा सुरंग में बचाव अभियान जारी है. अंदर 40 मजदूर फंसे हुए हैं. सिलक्यारा सुरंग में हुए भूस्खलन के अध्ययन एवं कारणों की जांच के लिए निदेशक उत्तराखंड भूस्खलन न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केंद्र की अध्यक्षता में गठित समिति में शामिल विशेषज्ञों ने स्थल का निरीक्षण कर जांच की कार्रवाई शुरू कर दी है. जांच समिति में शामिल विशेषज्ञों का यह दल बीते दिन ही घटनास्थल पर पहुंच गया था. दल के द्वारा सुरंग एवं इसके ऊपर की पहाड़ी का सर्वेक्षण किया जा रहा है.

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