हिमाचल में मौसम बना कहर का कारण, करसोग-गोहर में बादल फटने से 16 लोग लापता, तस्वीरों में देखें तबाही के दृश्य

(न्यूज़लाइवनाउ-Himachal Pradesh) हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने तबाही मचाई है। राज्य के विभिन्न हिस्सों में बादल फटने की घटनाओं से जान-माल का भारी नुकसान हुआ है।

करसोग और गोहर में बादल फटने से तबाही

मंडी ज़िले के गोहर, करसोग और धर्मपुर क्षेत्र सबसे ज़्यादा प्रभावित हुए हैं। अब तक चार लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि 16 लोग लापता हैं। राहत की बात है कि अब तक 99 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। इस प्राकृतिक आपदा में 10 मकान और 12 पशुशालाएं बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई हैं, जबकि 26 मवेशियों की जान चली गई।

प्रशासन की टीमें राहत और बचाव कार्य में लगी हुई हैं। करसोग में एक व्यक्ति की जान गई, वहीं चार अन्य की तलाश जारी है। गोहर उपमंडल के स्यांज क्षेत्र में नौ लोग लापता बताए जा रहे हैं।

सराज क्षेत्र में रेस्क्यू ऑपरेशन जारी

सराज के बाड़ा गांव में दो और तलवाड़ा क्षेत्र में तीन लोग लापता हैं। वहीं बाड़ा से चार और तलवाड़ा से एक बच्ची को सुरक्षित निकाला गया है। मंडी शहर के विभिन्न इलाकों से 11 लोगों को भी सुरक्षित रेस्क्यू किया गया। धर्मपुर के त्रियांबला गांव में दो मकान और पांच गोशालाएं ढह गई हैं। भदराणा गांव में चार घर और तीन पशुशालाएं बर्बाद हो गईं। डीसी मंडी अपूर्व देवगन मौके पर स्थिति का जायज़ा ले रहे हैं, जबकि NDRF और SDRF की टीमें राहत कार्य में जुटी हैं।

करसोग में जब पानी तेज़ी से बहा तो लोग चीखते-चिल्लाते मदद की गुहार लगा रहे थे। धर्मपुर के शरण गांव में भी भारी तबाही हुई। सिराज क्षेत्र के बगस्याड़ में मकान और वाहन मलबे में दब गए। गोहर के स्यांज नाले के किनारे बना एक मकान बाढ़ में बह गया। मां-बेटी को बचा लिया गया, लेकिन सात अन्य लोग तेज बहाव में बह गए।

लापता लोगों की पहचान हुई:

  • पदम सिंह (75), गांव बागा
  • देवकू देवी (70), पत्नी पदम सिंह
  • झाबे राम (50), पुत्र गोकुलचंद, पंगलयूर
  • पार्वती देवी (47), पत्नी झाबे राम
  • सुरमि देवी (70), पत्नी स्व. गोकुलचंद
  • इंद्र देव (29), पुत्र झाबे राम
  • उमावती (27), पत्नी इंद्र देव
  • कनिका (9), पुत्री इंद्र देव
  • गौतम (7), पुत्र इंद्र देव

शिक्षण संस्थान बंद, पावर प्रोजेक्ट को नुकसान

बाखली खड्ड पर बना 16 मेगावाट का पटिकरी पावर प्रोजेक्ट भारी बारिश की वजह से क्षतिग्रस्त हो गया है, हालांकि कोई जनहानि नहीं हुई। मंडी जिला प्रशासन ने सुरक्षा के मद्देनज़र 1 जुलाई को जिले भर के सभी शैक्षणिक संस्थानों को बंद रखने के आदेश जारी किए हैं।

सुजानपुर के खैरी गांव में ब्यास नदी का जलस्तर बढ़ने से 5-7 मकान जल क्षेत्र में आ गए। सुबह 4:30 बजे स्थानीय लोगों ने प्रशासन को जानकारी दी। इसके बाद पंडोर डैम से पानी छोड़ना बंद कराया गया और जंगल बेरी बटालियन की मदद से 40 लोगों को सुरक्षित निकाला गया, जिनमें से 15 प्रवासी थे।

भारी बारिश और भूस्खलन की आशंका के चलते कांगड़ा और हमीरपुर जिलों में भी सभी शिक्षण संस्थानों को आज बंद रखा गया है। मंडी निवासी सुशील ने बताया कि लगातार बारिश से ब्यास का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है और कई जगहों पर भूस्खलन हो रहा है।

रघुनाथ का पधर में 12 लोगों को बचाया गया

मंडी के रघुनाथ का पधर क्षेत्र में भारी बारिश के कारण आई बाढ़ में फंसे 12 लोगों को रात में ही पुलिस टीम ने सुरक्षित बाहर निकाला। चार परिवारों को बाढ़ के बीच से कड़ी मशक्कत से बचाया गया।

सोमवार रात की बारिश के बाद कुल्लू जिले की नदियां उफान पर हैं। पुलगा डैम सहित कई बांधों से पानी छोड़ा गया है। प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने की अपील की है। शिमला के समरहिल क्षेत्र में आर्मी कॉलोनी में एक पेड़ गिरने से गाड़ियों को नुकसान पहुंचा।

मौसम विभाग शिमला ने राज्य में 1 से 7 जुलाई तक भारी बारिश को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। बीती रात संधोल में सर्वाधिक 223.6 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई। मंडी में 216.8, पंडोह 215.0, करसोग 160.2, पालमपुर 143.0, चौपाल 139.8, गोहर 125.0, कोटखाई 83.1, कांगड़ा 73.3 और कुफरी में 65.0 मिमी वर्षा दर्ज की गई।

अगले तीन घंटों में बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला, सिरमौर, सोलन और ऊना जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना जताई गई है।

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