यूपी में 23 अगस्त को योगी सरकार ने शाम स्कूल खोलने के दिए आदेश, चंद्रयान-3 का होगा सीधा प्रसारण

(न्यूज़ लाइव नाउ – उत्तर प्रदेश): यूपी में 23 अगस्त को योगी सरकार ने देर शाम को स्कूल खोले के लिए एक आदेश जारी किया है। आदेश में सभी सरकारी स्कूलों को 23 अगस्त की देर शाम खोलने की आदेश दिए गए हैं। ये आदेश राज्य के सभी सरकारी स्कूलों को भेज दिया गया है। बता दें कि ये फैसला योगी सरकार ने बच्चों को चंद्रयान 3 मिशन का सीधा प्रसारण दिखाने के लिए लिया है। आदेश में 23 अगस्त को शाम 5:15 से 6:15 तक सरकारी स्कूल खोलने को कहा गया है। जानकारी दे दें कि 23 अगस्त की शाम 5 बजकर 20 मिनट पर चंद्रयान-3 चंद्रमा की सतह पर उतरेगा। इसी का लाइव प्रसारण सभी स्कूलों में बच्चों को दिखाया जाएगा।

योगी सरकार ने बच्चों को चंद्रयान 3 मिशन का सीधा प्रसारण दिखाने के लिए लिया है। यह एक अच्छा कदम है क्योंकि यह बच्चों को अंतरिक्ष और अंतरिक्ष अनुसंधान के बारे में जानने का अवसर देगा। यह उन्हें देश के लिए गर्व महसूस कराएगा और उन्हें विज्ञान और प्रौद्योगिकी में रुचि लेने के लिए प्रेरित करेगा।

चंद्रयान 3 मिशन भारत का एक महत्वाकांक्षी मिशन है, जो चंद्रमा पर लैंडर और रोवर भेजेगा। यह भारत को चंद्रमा पर लैंड करने वाला चौथा देश बना देगा। मिशन का उद्देश्य चंद्रमा की सतह पर पानी की उपस्थिति का पता लगाना, चंद्रमा के भूविज्ञान का अध्ययन करना और चंद्रमा पर मानव मिशन के लिए प्रौद्योगिकी विकसित करना है। चंद्रयान 3 मिशन का सीधा प्रसारण दिखाने से बच्चे अंतरिक्ष अनुसंधान के बारे में जान सकेंगे और देश के लिए गर्व महसूस कर सकेंगे। यह उन्हें विज्ञान और प्रौद्योगिकी में रुचि लेने के लिए भी प्रेरित करेगा। यह एक अच्छा कदम है जो बच्चों के भविष्य के लिए फायदेमंद होगा।

मिली जानकारी के मुताबिक, इसरो ने बताया है कि चंद्रयान-3 के ‘लैंडर मॉड्यूल’ ने चंद्रयान-2 के ‘ऑर्बिटर’ के साथ संचार शुरू कर दिया है और ‘लैंडर हजार्ड डिटेक्शन एंड एवाइडेंस कैमरा’ (एलएचडीएसी) से ली गई चंद्रमा के पिछले हिस्से की तस्वीरें जारी की हैं। इससे पहले इसरो ने रविवार को कहा था कि चंद्रयान-3 के लैंडर मॉड्यूल के बुधवार को शाम करीब 6 बजकर 4 मिनट पर चंद्रमा की सतह पर उतरने की उम्मीद है।

इसरो ने यह भी कहा कि चंद्रमा की सतह पर उतरने के कार्यक्रम का लाइव प्रसारण बुधवार शाम 5 बजकर 20 मिनट से शुरू होगा। बता दें कि इससे पहले चंद्रयान-2 मिशन साल 2019 में भेजा गया था। इस अंतरिक्ष यान में आर्बिटर, लैंडर और रोवर शामिल था। लैंडर के अंदर एक रोवर था। पर ये लैंडर चंद्रमा की सतह पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिससे यह मिशन के ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ लक्ष्य को हासिल करने में नाकाम रहा था। इसरो ने 2019 में कहा था कि चंद्रयान-2 मिशन के आर्बिटर का सेवाकाल 7 साल बढ़ गया है।

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