Sharmistha Panoli: हाई कोर्ट से इन्फ्लुएंसर शर्मिष्ठा पनोली को अंतरिम राहत, पुलिस सुरक्षा के आदेश के साथ विदेश यात्रा पर पाबंदी

(न्यूज़लाइवनाउ-Kolkata) कानून की छात्रा इन्फ्लुएंसर शर्मिष्ठा पनोली को कलकत्ता हाई कोर्ट से अस्थायी जमानत मिल गई है। अदालत ने निर्देश दिया है कि आरोपी को जांच प्रक्रिया में पूरी तरह सहयोग करना होगा। साथ ही, इस अवधि में वह देश छोड़कर विदेश यात्रा नहीं कर सकतीं।

कानून की छात्रा इन्फ्लुएंसर शर्मिष्ठा पनोली को कलकत्ता हाई कोर्ट से अस्थायी जमानत मिल गई है। अदालत ने निर्देश दिया है कि आरोपी को जांच प्रक्रिया में पूरी तरह सहयोग करना होगा। साथ ही, इस अवधि में वह देश छोड़कर विदेश यात्रा नहीं कर सकतीं। शर्मिष्ठा को 10,000 रुपये के मुचलके और जमानती बॉन्ड पर यह राहत दी गई है। अदालत ने यह भी कहा कि याचिकाकर्ता को आवश्यक पुलिस सुरक्षा मुहैया कराई जाए।

शर्मिष्ठा पनोली को अंतरिम जमानत दे दी

कलकत्ता उच्च न्यायालय ने सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणी से संबंधित वीडियो साझा करने के आरोप में गिरफ्तार की गई डिजिटल कंटेंट क्रिएटर शर्मिष्ठा पनोली को अंतरिम जमानत दे दी है। अदालत ने उन्हें 10,000 रुपये के निजी मुचलके पर रिहा करने का आदेश दिया है।

पुणे की कानून की छात्रा शर्मिष्ठा पनोली को धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाले वीडियो को सोशल मीडिया पर अपलोड करने के आरोप में हिरासत में लिया गया था। इससे पहले, पिछली सुनवाई में कोर्ट ने यह कहते हुए उन्हें राहत देने से इनकार कर दिया था कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का यह अर्थ नहीं कि किसी समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाई जाए। साथ ही, न्यायालय ने राज्य सरकार को मामले से संबंधित केस डायरी प्रस्तुत करने का निर्देश भी दिया था।

कानून की छात्रा शर्मिष्ठा पनोली ने निचली अदालत द्वारा सुनाए गए हिरासत के फैसले को चुनौती देते हुए कलकत्ता हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की थी। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति पार्थ सारथी चटर्जी ने टिप्पणी की कि हमारे संज्ञान में आया है कि संबंधित वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपलोड किया गया था।

न्यायमूर्ति चटर्जी ने कहा कि संविधान हमें अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता प्रदान करता है, लेकिन इसका यह अभिप्राय नहीं कि हम दूसरों की धार्मिक या सामाजिक भावनाओं को आहत करें। उन्होंने यह भी कहा कि भारत एक बहुसांस्कृतिक और बहुधार्मिक देश है, जहां विभिन्न समुदायों के लोग साथ रहते हैं, ऐसे में बोलते समय संयम और विवेक आवश्यक है।

अदालत ने मामले की जांच के निर्देश दिए और साथ ही सभी संबंधित मुकदमों की कार्यवाही पर अगली सुनवाई तक रोक लगाने का आदेश दिया। इसके साथ ही, राज्य सरकार को निर्देशित किया गया कि शर्मिष्ठा पनोली के कथित कृत्य को लेकर भविष्य में कोई नई एफआईआर दर्ज न की जाए।

तीन शर्तों पर अंतरिम जमानत प्रदान की गई

शर्मिष्ठा पनोली के अधिवक्ता डीपी सिंह ने बताया कि उन्हें तीन शर्तों पर अंतरिम जमानत प्रदान की गई है—पहली, वह अपना पासपोर्ट संबंधित अधिकारियों को सौंपेंगी; दूसरी, उन्हें जांच प्रक्रिया में सहयोग करना होगा; और तीसरी, उन्हें जमानत बांड पर हस्ताक्षर करने होंगे।

वकील का कहना है कि शर्मिष्ठा ने जो भी बातें कहीं थीं, वे उन वीडियो क्लिप्स पर आधारित थीं जिन्हें उन्होंने देखा था। उन्होंने कहा, “ये युवा ज्यादा कुछ नहीं समझते… भारत और पाकिस्तान के बीच लंबे समय से तनाव चला आ रहा है और वे केवल अपने देश के पक्ष में बात कर रहे थे। अगर ऐसे में उन्होंने कुछ सेकंड का कोई वीडियो सोशल मीडिया पर साझा कर दिया, तो क्या वह अपराध बन जाता है?”

उन्होंने आगे कहा कि शर्मिष्ठा परिस्थितियों की मारी हुई हैं और अब पूरा समाज उनके खिलाफ खड़ा नजर आ रहा है। “उन्होंने जो कहा, उससे कोई हिंसा या दंगा नहीं हुआ, फिर भी उन्हें दोषी ठहराया जा रहा है। यह कहां तक उचित है?” — ऐसा अधिवक्ता सिंह ने सवाल उठाया।

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